Vedanta Share Target Price भारत की अग्रणी माइनिंग और मेटल कंपनी Vedanta Limited एक बार फिर सुर्खियों में है। हाल ही में कंपनी को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से एक बड़े अधिग्रहण की मंजूरी मिली है, जिसने शेयर बाजार में हलचल पैदा कर दी है। यह अधिग्रहण जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) के अंतर्गत हो रहा है, जो लंबे समय से वित्तीय संकट से जूझ रही थी।
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CCI ने Vedanta को जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) के अधिग्रहण की मंजूरी दे दी है। यह प्रक्रिया कॉर्पोरेट इनसॉल्वेंसी रेज़ॉल्यूशन प्रोसेस (CIRP) के तहत हो रही है। जयप्रकाश एसोसिएट्स पर लगभग ₹59,000 करोड़ का कर्ज था और कंपनी कई महीनों से पुनर्गठन की राह देख रही थी।
वेदांता ने JAL के लिए ₹17,000 करोड़ की सबसे ऊंची बोली लगाई है। इसमें लगभग ₹3,800 करोड़ तुरंत चुकाने का प्रस्ताव शामिल है और बाकी राशि अगले पांच वर्षों में वार्षिक किश्तों में दी जाएगी। इस बोली प्रक्रिया में आदानी ग्रुप, जिंदल पावर, डालमिया भारत और PNC इंफ्राटेक जैसी कंपनियाँ भी शामिल थीं, लेकिन आखिरकार वेदांता विजेता बनकर उभरी।
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जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड की स्थिति
JAL एक बहु-क्षेत्रीय औद्योगिक समूह है जो रियल एस्टेट, सीमेंट, हॉस्पिटैलिटी, इंजीनियरिंग, पावर, स्पोर्ट्स और एविएशन जैसे कई क्षेत्रों में काम करता है। कंपनी पिछले कई वर्षों से वित्तीय संकट में थी।
जून 2025 की तिमाही में कंपनी ने तीन तिमाही घाटों के बाद ₹240.29 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया। इस दौरान कंपनी की कुल आय ₹715 करोड़ रही और नेट प्रॉफिट मार्जिन 33.59% तक पहुंचा, जो सुधार का संकेत है। कंपनी के कुल ऋणदाता अब भी ₹57,185 करोड़ की वसूली का दावा कर रहे हैं, लेकिन Vedanta का यह अधिग्रहण कंपनी को नई जान दे सकता है।
Vedanta शेयर की स्थिति और विश्लेषण
Vedanta का शेयर पिछले छह महीनों में लगभग 21% बढ़ चुका है। तकनीकी चार्ट्स बताते हैं कि इसने हाल ही में “कप एंड हैंडल” पैटर्न पर ब्रेकआउट दिया है, जो आगे की तेजी का संकेत देता है।
ब्रोकरेज फर्म Emkay Global और Nuvama Institutional Equities ने Vedanta का टारगेट प्राइस ₹525 से बढ़ाकर ₹550 तक किया है। वहीं ICICI Securities ने इसे Non-Ferrous Metal Sector का सबसे पसंदीदा स्टॉक बताया है और इसका टारगेट ₹530 रखा है।
विश्लेषकों का अनुमान है कि Q2FY26 में Vedanta का EBITDA ₹11,350 करोड़ तक पहुंच सकता है, जिसमें एल्यूमिनियम और जिंक सेगमेंट मुख्य भूमिका निभाएँगे।
अधिग्रहण से निवेशकों को क्या फायदा होगा
अगर यह अधिग्रहण पूरी तरह सफल होता है, तो Vedanta और JAL दोनों के शेयरधारकों के लिए बड़ा अवसर बन सकता है। Vedanta की मजबूत वित्तीय स्थिति और मेटल सेक्टर की बढ़ती मांग से कंपनी का मुनाफा और भी बढ़ सकता है।
साथ ही यह अधिग्रहण Vedanta को सीमेंट और रियल एस्टेट सेक्टर में प्रवेश दिलाएगा, जिससे कंपनी का कारोबार और विस्तार पाएगा। मार्केट विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह ट्रांजेक्शन समय पर पूरा हुआ, तो Vedanta के शेयर ₹530 से भी ऊपर जा सकते हैं।
शेयर बाजार में निवेशकों की प्रतिक्रिया
Vedanta के इस अधिग्रहण की खबर के बाद बाजार में जोश दिखा है। कई रिटेल निवेशक अब इसे मल्टीबैगर अवसर के रूप में देख रहे हैं। छोटे निवेशकों के लिए भी यह एक दिलचस्प स्टॉक बन गया है, क्योंकि यह ₹3 के स्तर से निकलकर अब तक कई गुना बढ़ चुका है।
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जोखिम और सावधानियां
हालांकि यह खबर सकारात्मक है, लेकिन निवेश निर्णय हमेशा जोखिम के साथ आता है। मेटल और माइनिंग सेक्टर वैश्विक मांग, डॉलर इंडेक्स और चीन के औद्योगिक उत्पादन पर निर्भर करता है। इसलिए किसी भी निवेश से पहले फाइनेंशियल एडवाइज़र से परामर्श लेना बेहतर रहेगा।
FAQs (Schema-Ready)
Q1. Vedanta ने किस कंपनी का अधिग्रहण किया है?
Vedanta ने जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) का अधिग्रहण करने की प्रक्रिया शुरू की है, जिसे CCI से मंजूरी मिल चुकी है।
Q2. Vedanta ने कितनी राशि की बोली लगाई है?
कंपनी ने ₹17,000 करोड़ की बोली लगाई है, जिसमें ₹3,800 करोड़ तुरंत चुकाए जाएंगे और बाकी राशि पांच वर्षों में दी जाएगी।
Q3. Vedanta के शेयर का वर्तमान टारगेट क्या है?
ICICI Securities और Emkay Global ने इसका टारगेट ₹530 से ₹550 के बीच रखा है।
Q4. क्या Vedanta का शेयर आगे भी बढ़ सकता है?
हाँ, यदि अधिग्रहण सफल रहता है और मेटल सेक्टर में मांग बनी रहती है, तो शेयर में तेजी संभव है।
Q5. जयप्रकाश एसोसिएट्स की वर्तमान स्थिति क्या है?
JAL वित्तीय संकट से उबरने की कोशिश में है, लेकिन Vedanta के आने से उसे राहत मिल सकती है।
Q6. क्या यह निवेश करना सही रहेगा?
लघु अवधि में अस्थिरता रह सकती है, लेकिन लंबी अवधि के लिए यह एक संभावनाओं भरा स्टॉक माना जा रहा है।
Q7. Vedanta का प्रमुख कारोबार क्या है?
Vedanta मुख्य रूप से मेटल, जिंक, कॉपर, एल्यूमिनियम और ऑयल सेक्टर में कार्यरत है और भारत की शीर्ष माइनिंग कंपनियों में गिनी जाती है।
निष्कर्ष और Call to Action (CTA)
Vedanta का यह अधिग्रहण भारतीय कॉर्पोरेट इतिहास की एक बड़ी डील के रूप में देखा जा रहा है। ₹17,000 करोड़ की यह बोली न केवल कंपनी की वित्तीय ताकत को दिखाती है बल्कि आने वाले वर्षों में इसे नए सेक्टरों में विस्तार का मौका भी देगी।
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