Adani Group Share:- भारतीय शेयर बाजार में सितंबर का महीना उतार-चढ़ाव भरा रहा। जहां कई सेक्टर दबाव में दिखाई दिए, वहीं अडानी ग्रुप के शेयरों ने इस गिरते बाजार में भी मजबूती दिखाई। समूह की कई कंपनियों ने डबल डिजिट में बढ़त दर्ज की और कई महीनों के उच्च स्तर को छू लिया। निवेशकों के लिए यह संकेत बेहद पॉजिटिव रहा क्योंकि लंबे समय से अडानी के शेयर हिंडनबर्ग रिपोर्ट की वजह से दबाव में चल रहे थे।
सेबी की क्लीन चिट से बदला Adani Group Share
Adani Group Share की तेजी के पीछे सबसे बड़ा कारण बाजार नियामक सेबी का हालिया फैसला माना जा रहा है। दरअसल, 21 सितंबर को सेबी ने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए सभी गंभीर आरोपों से समूह को मुक्त कर दिया। यह वही आरोप थे, जिनके चलते जनवरी 2023 में अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी और निवेशकों का भरोसा हिल गया था।
सेबी की इस क्लीन चिट ने बाजार में सकारात्मक माहौल बनाया। निवेशकों ने इसे ग्रुप की पारदर्शिता और मजबूती का प्रमाण माना और दोबारा से खरीदारी शुरू की। यही वजह रही कि सितंबर में अडानी ग्रुप के लगभग सभी शेयरों में उल्लेखनीय तेजी दर्ज की गई।
अडानी पावर बनी टॉप परफॉर्मर
अडानी पावर सितंबर महीने में ग्रुप की सबसे ज्यादा चढ़ने वाली कंपनी रही। यह शेयर 20 प्रतिशत से ज्यादा बढ़कर तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। मई 2024 के बाद यह इसका सबसे शानदार मासिक प्रदर्शन रहा। खास बात यह रही कि 22 सितंबर से यह शेयर 1:5 रेश्यो में एक्स-स्प्लिट आधार पर ट्रेड कर रहा है, जिससे छोटे निवेशकों के लिए इसमें निवेश करना आसान हो गया है।
अन्य कंपनियों का प्रदर्शन
अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस ने भी निवेशकों को निराश नहीं किया और इसमें करीब 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। अडानी ग्रीन एनर्जी ने भी लगभग 12 प्रतिशत की तेजी दर्ज की। वहीं अडानी एंटरप्राइजेज 11 प्रतिशत से ज्यादा ऊपर गया। यह तेजी केवल घरेलू कारकों की वजह से नहीं थी, बल्कि विदेशी ब्रोकरेज हाउस ने भी इसमें अहम भूमिका निभाई।
मॉर्गन स्टेनली ने अडानी पावर पर ‘ओवरवेट’ रेटिंग दी, जबकि जेफरीज ने अडानी एंटरप्राइजेज पर अपनी ‘बाय’ रेटिंग बरकरार रखते हुए इसका टारगेट प्राइस 3000 रुपये कर दिया। यही नहीं, अडानी ग्रीन पर भी जेफरीज ने ‘बाय’ रेटिंग दोहराई और इसका टारगेट प्राइस 1300 रुपये तय किया।
निवेशकों का भरोसा लौटा
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद से घरेलू और विदेशी दोनों ही निवेशक सतर्क हो गए थे। लेकिन अब स्थिति बदलती दिख रही है। सितंबर में आई तेजी ने यह संकेत दिया है कि निवेशक दोबारा से अडानी ग्रुप पर भरोसा जता रहे हैं। खासतौर पर संस्थागत निवेशकों की वापसी ने बाजार की धारणा को और मजबूत किया है।
ऑपरेशनल परफॉर्मेंस में सुधार
सिर्फ शेयर की कीमत ही नहीं, बल्कि कंपनी के बुनियादी आंकड़े भी मजबूती की ओर इशारा कर रहे हैं। पिछले दो वर्षों में अडानी ग्रुप का पोर्टफोलियो EBITDA 57 प्रतिशत बढ़कर लगभग 89,806 करोड़ रुपये हो गया है। वहीं ग्रॉस ब्लॉक एसेट्स में 48 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 6.1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। ये आंकड़े दिखाते हैं कि समूह न केवल बाजार में बल्कि ऑपरेशनल स्तर पर भी लगातार प्रगति कर रहा है।
आगे का रास्ता
विश्लेषकों का मानना है कि अडानी ग्रुप के शेयरों की मौजूदा तेजी लंबे समय के लिए भरोसा जगाने वाली है। हालांकि, शेयर बाजार की प्रकृति अस्थिर रहती है और निवेशकों को सतर्क रहना जरूरी है। लेकिन सेबी का फैसला और ऑपरेशनल मजबूती यह दर्शाते हैं कि आने वाले महीनों में अडानी ग्रुप निवेशकों को और बेहतर रिटर्न दे सकता है।
निवेशकों के लिए संकेत
सितंबर का महीना अडानी ग्रुप के लिए ऐतिहासिक रहा क्योंकि गिरते बाजार में भी इसके शेयर मजबूती से खड़े रहे। यह प्रदर्शन दर्शाता है कि ग्रुप अब धीरे-धीरे अपने उस संकट से बाहर निकल रहा है, जो हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद खड़ा हुआ था। लंबी अवधि के निवेशक इसे भरोसे की वापसी के रूप में देख सकते हैं, लेकिन किसी भी निवेश से पहले विशेषज्ञ की राय लेना हमेशा सही रहता है।
निष्कर्ष
गिरते बाजार में अडानी ग्रुप के शेयरों का मजबूती से खड़ा रहना निवेशकों के लिए बड़ा संदेश है। सेबी की क्लीन चिट और ऑपरेशनल परफॉर्मेंस में सुधार ने समूह की इमेज को दोबारा चमकाया है। अडानी पावर, अडानी ग्रीन और अडानी एंटरप्राइजेज जैसे स्टॉक्स सितंबर में टॉप परफॉर्मर साबित हुए हैं। अब बाजार की नजर आने वाले महीनों पर होगी कि यह तेजी आगे भी कायम रहती है या नहीं।
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